
ईचागढ़:- राज्य सरकार द्वारा डिग्री कॉलेजों से इंटरमीडिएट (11वीं-12वीं) की पढ़ाई समाप्त करने के फैसले के खिलाफ पूरे राज्य में विरोध लगातार तेज हो गया है। इंटरमीडिएट बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों ने सरकार के निर्णय को छात्र विरोधी और बिना योजना वाला करार दिया है।
सोमवार को आयोजित प्रेस वार्ता में समिति के प्रतिनिधियों ने कहा कि यदि सरकार ने यह फैसला वापस नहीं लिया, तो हजारों गरीब और पिछड़े वर्ग के छात्रों के समक्ष उच्च शिक्षा के दरवाज़े बंद हो जाएंगे। निजी स्कूल-कॉलेजों की महंगी पढ़ाई हर कोई वहन नहीं कर सकता।
राज्यभवन मार्च स्थगित, अब जमशेदपुर में होगा प्रदर्शन
प्रेस वार्ता में जानकारी दी गई कि 8 जुलाई को प्रस्तावित राज्यभवन मार्च फिलहाल स्थगित कर दिया गया है, क्योंकि उस दिन राज्यपाल रांची में उपस्थित नहीं रहेंगे। अब 8 जुलाई को जमशेदपुर में नुक्कड़ सभा और मानव श्रृंखला के माध्यम से सरकार के फैसले का विरोध किया जाएगा।
छात्र नेता शुभम झा ने उठाए सवाल
प्रेस वार्ता में छात्र प्रतिनिधि शुभम कुमार झा ने कहा कि सरकार ने बिना किसी समुचित ढांचागत व्यवस्था के यह फैसला लिया है, जिससे हजारों छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है। कॉलेजों में इंटर की कक्षाएं बंद हैं और शिक्षा विभाग की निष्क्रियता छात्रों की उम्मीदों पर पानी फेर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि एनईपी 2020 के नाम पर छात्रों को शिक्षा से वंचित करने की कोशिश हो रही है।
राज्यभर के छात्रों से आंदोलन में शामिल होने की अपील
संघर्ष समिति ने झारखंड के सभी छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों से आंदोलन में शामिल होने की अपील की है। समिति का कहना है कि अगर अब भी आवाज़ नहीं उठाई गई, तो सरकारी कॉलेजों में सस्ती और सुलभ इंटर की पढ़ाई हमेशा के लिए बंद हो जाएगी।
प्रेस वार्ता में संघर्ष समिति के अमन सिंह, सबिता सोरेन, रिया, दीपनीता, आदित्य समेत कई कॉलेजों के छात्र प्रतिनिधि मौजूद रहे।