राज्यलोकल न्यूज़

मातृभाषा का महत्व: सुनील कुमार की बातें

 

मातृभाषा हमारी पहचान और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। सुनील कुमार कहते हैं कि चाहे आप डॉक्टर हों, इंजीनियर हों, नेता हों, या कोई भी उच्च पद पर हों, अगर आपको अपनी मातृभाषा का ज्ञान नहीं है, तो आपकी शिक्षा अधूरी है। मातृभाषा का प्रेम और सम्मान हमें अपनी संस्कृति और परंपराओं से जुड़े रहने में मदद करता है।

सुनील कुमार आगे कहते हैं कि मातृभाषा अपनी माँ का समान है। जैसे माँ का जगह मौसी नहीं ले सकती है, उसी प्रकार मातृभाषा का जगह दूसरा कोई भी भाषा नहीं ले सकती है। मातृभाषा का कोई विकल्प नहीं, मातृभाषा का कोई जोड़ नहीं। मातृभाषा माँ के दूध के समान है, जो हमें मजबूत और सक्षम बनाती है।

इसलिए, सुनील कुमार सभी से आग्रह करते हैं कि अपनी मातृभाषा को सीखें और सम्मान करें, क्योंकि मातृभाषा के बिना शिक्षा अधूरी है।

मातृभाषा हमारी पहचान और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। सुनील कुमार कहते हैं कि चाहे आप डॉक्टर हों, इंजीनियर हों, नेता हों, या कोई भी उच्च पद पर हों, अगर आपको अपनी मातृभाषा का ज्ञान नहीं है, तो आपकी शिक्षा अधूरी है। मातृभाषा का प्रेम और सम्मान हमें अपनी संस्कृति और परंपराओं से जुड़े रहने में मदद करता है।

 

सुनील कुमार आगे कहते हैं कि मातृभाषा अपनी माँ का समान है। जैसे माँ का जगह मौसी नहीं ले सकती है, उसी प्रकार मातृभाषा का जगह दूसरा कोई भी भाषा नहीं ले सकती है। मातृभाषा का कोई विकल्प नहीं, मातृभाषा का कोई जोड़ नहीं। मातृभाषा माँ के दूध के समान है, जो हमें मजबूत और सक्षम बनाती है।

 

इसलिए, सुनील कुमार सभी से आग्रह करते हैं कि अपनी मातृभाषा को सीखें और सम्मान करें, क्योंकि मातृभाषा के बिना शिक्षा अधूरी है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!