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संथाली भाषा को मिलेगी डिजिटल पहचान, चंपाई सोरेन ने ASECA वेबसाइट किया उद्घाटन

झारखंड: संथाली भाषा और उसकी मौलिक लिपि ओलचिकी को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। आदिवासी सोशियो-एजुकेशन एंड कल्चर एसोसिएशन (ASECA) ने संथाली भाषा के प्रचार-प्रसार, साहित्य और शिक्षा को समर्पित अपनी आधिकारिक वेबसाइट का शुभारंभ किया।

 

इस वेबसाइट का उद्घाटन सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री एवं सरायकेला से भाजपा विधायक चंपाई सोरेन ने ASECA के 62वें स्थापना दिवस के अवसर पर किया। उन्होंने इस महत्वपूर्ण पहल की जानकारी अपने सोशल मीडिया हैंडल ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर भी साझा की।

 

ओलचिकी लिपि को मिलेगा नया आयाम

उद्घाटन अवसर पर संबोधित करते हुए विधायक चंपाई सोरेन ने कहा,

 

“संथाली भाषा की लिपि ओलचिकी के आविष्कारक पंडित रघुनाथ मुर्मू जी ने जो अभियान भाषा और संस्कृति को लेकर शुरू किया था, यह वेबसाइट उस मिशन को अब वैश्विक स्तर तक पहुँचाने का माध्यम बनेगी।”

 

उन्होंने बताया कि वेबसाइट पर संथाली भाषा में प्रकाशित साहित्य, पुस्तकें एवं शैक्षणिक सामग्री उपलब्ध करवाई जाएगी। साथ ही, संथाली भाषा में शिक्षा देने वाले संस्थानों को एक मंच पर जोड़ने की दिशा में भी यह एक बड़ी पहल होगी।

 

संस्कृति और तकनीक का संगम

ASECA की यह वेबसाइट न केवल संथाली भाषा को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर एक नई पहचान देगी, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए यह भाषा एवं संस्कृति को सहेजने का कार्य भी करेगी। कार्यक्रम में ASECA से जुड़े अनेक गणमान्य लोग एवं समुदाय के सदस्य उपस्थित रहे।

 

📌 विशेष जानकारी के लिए:

  • जल्द ही वेबसाइट पर ई-पुस्तकें, वीडियो कंटेंट, शिक्षा संसाधन, और संस्थानों की सूची जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध   करवाई जाएंगी।

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