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अनुसूचित क्षेत्रों में शराब दुकानें खोलने के फैसले के खिलाफ आदिवासी संगठनों का विरोध तेज़

अनुसूचित क्षेत्रों में शराब दुकानें खोलने के फैसले के खिलाफ आदिवासी संगठनों का विरोध ते

रांची  – झारखंड सरकार द्वारा अनुसूचित क्षेत्रों के गांवों में शराब दुकानों को खोलने के फैसले के खिलाफ राज्यभर में विरोध तेज़ हो गया है। शनिवार को पूर्व मंत्री देव कुमार धान के नेतृत्व में आदिवासी संगठनों के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन से मुलाकात कर इस फैसले के विरोध में ज्ञापन सौंपा।

प्रतिनिधिमंडल ने ज्ञापन में कहा कि संविधान की पांचवीं अनुसूची के तहत संरक्षित क्षेत्रों में शराब की बिक्री की अनुमति देना आदिवासी समाज की संस्कृति, परंपरा और सामाजिक ढांचे पर सीधा प्रहार है। उनका कहना था कि यह फैसला आदिवासी समुदाय के दीर्घकालिक हितों के विपरीत है और सामाजिक विषमताओं को बढ़ावा दे सकता है।

प्रमुख मांगें:यदि शराब दुकानें खोलना अपरिहार्य हो, तो शहरी क्षेत्रों की दुकानों में आदिवासी समुदाय को आरक्षण दिया जाए।

इस मुद्दे को लेकर विभिन्न जनजातीय संगठनों ने राज्यव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी है। उनका कहना है कि यह निर्णय पेसा कानून और संविधान की मूल भावना का उल्लंघन करता है।

सरकार की ओर से इस पर अभी कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई  है

 

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