बगैर कुआं खोदे ही निकाल ली गई लाखों रुपए , लाभुक को भनक तक नहीं

पलामू जिले के तरहसी प्रखंड अंतर्गत मिसिर पतरा गांव में मनरेगा योजना के में बड़े पैमाने में फर्जीवाड़ा सामने आया है। गांव निवासी पप्पू यादव के नाम पर बिना किसी जानकारी के बिरसा सिंचाई कूप निर्माण योजना स्वीकृत कर 1 लाख 52 हजार 552 रुपए की फर्जी निकासी कर ली गई। मामले में पंचायत के मुखिया, रोजगार सेवक, पंचायत सचिव और बीपीओ की मिलीभगत सामने आ रही है।पप्पू यादव ने इस संबंध में तरहसी बीडीओ, पलामू डीडीसी और डीसी को लिखित शिकायत देते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। उन्होंने बताया कि उन्हें इस योजना की कोई जानकारी नहीं थी। एक जान-पहचान वाले व्यक्ति से उन्हें सूचना मिली कि उनके नाम पर कुआं निर्माण की योजना स्वीकृत हुई है और भुगतान भी हो गया है। जब उन्होंने ऑनलाइन जांच की, तो पाया कि 1,52,552 रुपये की राशि निकाली जा चुकी है जबकि उनके खेत में किसी प्रकार का कोई निर्माण कार्य नहीं हुआ। पप्पू ने यह भी आरोप लगाया कि रोजगार सेवक रविंद्र कुमार ने कुछ बिचौलियों के साथ मिलकर योजना स्वीकृत कराई और फर्जी रूप से राशि निकाल ली। इतना ही नहीं, इस निर्माण कार्य में दर्जनों मजदूरों को कार्यरत दिखाया गया, जबकि उनमें से किसी को भी योजना की जानकारी नहीं थी। संगीता देवी, मदन यादव, मीना देवी, सुनीता देवी, अनिल साव, हरिहर यादव, निक्की देवी समेत अन्य मजदूरों के खाते में मजदूरी की राशि भेजी गई, लेकिन किसी ने भी कोई काम नहीं किया।मजदूरों ने बताया कि रोजगार सेवक ने पीएम किसान योजना की किस्त डलवाने का झांसा देकर उनसे उनके बैंक खातों से पैसे निकलवाए और अपने पास रख लिए। इस पूरे मामले में पंचायत प्रतिनिधियों की संलिप्तता स्पष्ट नजर आ रही है।पप्पू यादव ने कहा कि यह केवल एक मामला नहीं है। पंचायत क्षेत्र में इस तरह की कई योजनाएं बिना काम के कागजों पर चल रही हैं और बड़ी रकम की फर्जी निकासी की जा रही है। उन्होंने मनरेगा बीपीओ दीपक कुमार पर भी गंभीर आरोप लगाए। कहा कि पहले भी जब ऐसे मामले सामने आए, तो दीपक कुमार ने जांच के नाम पर दोषियों से पैसे लेकर मामले को दबा दिया।गांव के लोगों का कहना है कि यदि इस मामले में निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो वे उग्र आंदोलन करेंगे। उनका आरोप है कि पंचायत में मनरेगा के नाम पर हर वर्ष लाखों की लूट हो रही है और संबंधित अधिकारी और कर्मचारी बेखौफ होकर इसमें शामिल हैं।बता दें कि यह मामला पंचायत स्तर पर व्याप्त भ्रष्टाचार और जनकल्याणकारी योजनाओं के दुरुपयोग की एक चिंताजनक मिसाल है। यदि समय रहते इसकी उच्च स्तरीय जांच नहीं हुई तो ग्रामीणों का विश्वास सरकारी योजनाओं से उठ जाएगा।
जांच कर दोषियों पर होगी कार्रवाई : बीपीओ
मनरेगा बीपीओ दीपक कुमार ने दूरभाष पर बताया कि उन्हें इस मामले की शिकायत प्राप्त हुई है और जांच की प्रक्रिया प्रारंभ की जा रही है। उन्होंने कहा कि मनरेगा योजना में किसी भी तरह की अनियमितता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जांच पूरी होने के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।