
रांची | झारखंड: सरना धर्म कोड की मांग को लेकर झारखंड कांग्रेस ने सोमवार को राजधानी रांची में राजभवन के समक्ष एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में प्रदेश भर से आए कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं, विधायकों, जिलाध्यक्षों और सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। प्रदर्शन की अगुवाई प्रदेश प्रभारी के. राजू और प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने की।
धरना में वक्ताओं ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह आदिवासी समुदाय की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को नजरअंदाज कर रही है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि झारखंड विधानसभा ने सरना धर्म कोड के समर्थन में प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भेजा था, लेकिन अब तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
🔹 मुख्य बातें:
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कांग्रेस ने कहा कि यदि जल्द कोई फैसला नहीं लिया गया तो आंदोलन को जंतर-मंतर तक ले जाया जाएगा।
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सरना धर्म कोड की मांग आदिवासी अस्मिता, संस्कृति और अस्तित्व से जुड़ा मसला है।
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भाजपा पर आदिवासी विरोधी सोच का आरोप, कहा – सिर्फ वोट की राजनीति करती है।
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शिल्पी नेहा तिर्की, राधाकृष्ण किशोर, डॉ. इरफान अंसारी सहित कई मंत्रियों और विधायकों ने दिया समर्थन।
प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो ने चेतावनी दी कि अगर केंद्र सरकार आदिवासियों के अधिकारों की अनदेखी करती रही, तो कांग्रेस पंचायत से लेकर दिल्ली तक आंदोलन तेज करेगी। वहीं कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत ने कहा कि अब यह लड़ाई राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में लड़ी जाएगी।
🔻 भविष्य की योजना:
कांग्रेस ने स्पष्ट किया कि जब तक जनगणना के धर्म कॉलम में अलग सरना धर्म कोड नहीं जोड़ा जाएगा, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा। पार्टी जिला, प्रखंड और पंचायत स्तर पर भी अभियान चलाएगी।
इस मुद्दे पर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने भी 27 मई को राज्यव्यापी आंदोलन का आह्वान किया है, जिससे यह साफ है कि सरना धर्म कोड को लेकर जनसमर्थन और राजनीतिक दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है।