बाघमारा में फर्जी तरीके से जाति और आवासीय प्रमाण पत्र बनाने का मामला सामने आया

धनबाद:बाघमारा अंचल में एक व्यक्ति द्वारा फर्जी तरीके से जाति और आवासीय प्रमाण पत्र बनाने का मामला सामने आया है। आरोप है कि फुलारीटांड़ निवासी मनोज कुमार के पुत्र अनीश आनंद ने मुखिया पिंकी देवी के साथ मिलीभगत कर मूल रैयतों की वंशावली में अपना नाम दर्ज करा कर गलत तरीके से प्रमाण पत्र बनाने की कोशिश की।
मामले में मूल खतियानधारियों ने सीओ बाल किशोर महतो को आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की है। सीओ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं और जाति व आवासीय प्रमाण पत्र निर्गत करने से रोक दी है। जांच के बाद दोषी पाए जाने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
फुलारीटांड़ पंचायत की मुखिया पिंकी देवी ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है और अगर इस तरह का काम उनसे करवाया गया है, तो सरासर गलत है। वे मामले को लेकर सीओ के समक्ष अपना पक्ष रखेंगी।
झारखंड में जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए मूल निवासी होना अनिवार्य है। इसके लिए आवेदक को जमीन संबंधी मूल खतियान में वंशावली दर्शाया जाता है, उसके बाद ही राजस्व कर्मचारी उसे अंचल निरीक्षक को अग्रसारित करते हैं। तत्पश्चात अंचल अधिकारी से जाति प्रमाण पत्र निर्गत किया जाता है।
यह मामला राज्य में फर्जी तरीके से प्रमाण पत्र बनाने की समस्या को उजागर करता है। सरकार को ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए और प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाना चाहिए। साथ ही, अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को भी अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करना चाहिए और फर्जीवाड़े को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए।